Wednesday, 29 July 2020

Pabbar valley ( rohru ghati)

Pabbar valley ( rohru ghaati )

Pabbar घाटी को रोहड़ू घाटी भी कहते हैं । यह घाटी pabbar नामक नदी के किनारे स्थित है ।  यह बहुत ही खूबसरत है , मानसून में यह घाटी बहुत ही हरी दिखती है जबकि ठंड के समय यह बर्फ पड़ने के कारण चांदी कि तरह सफ़ेद हो जाती है । इस घाटी के पानी की कमी को pabbbr नदी पूरा करती है जो कि चांशल चोटी से निकलती है । जहां एक चन्द्र नाहन नामक झील है बहां से निकली है  pabbar घाटी को पांच भागों में बांटा गया है।

1:-  रनसार की नाली यह इलाका बहुत ही खूबसरत इलाका है बडियारा इस इलाके का प्रवेश द्वार है यहां की भूमि बहुत ही उपजाऊ भूमि है यहां पर मथरेटी नामक खड्ड बहती है जो कि pabbar नदी की सहायक है इस खड्ड के किनारे भीमकाली माता का प्रसिद्ध मन्दिर है जो जांगला ठाकुर की जीर्ण शीर्ण में हैं राजा बुशहर द्वारा इस मन्दिर का निर्माण किया गया था यह पत्थर की मूर्तिकला का प्राचीन नमूना है 

2:- टिकराल की नाली यह इलाका सबसे दूर बसा हुआ इलाका है जिसके कुछ गांव pabbar नदी के उदगम स्थल के पास बसे हुए हैं यह क्षेत्र चांशल के पास होने की वजह से बहुत ठंडा है यहां पर बहुत बर्फ पड़ती है इस इलाके में कीमती जड़ी बूटियां ओर दुर्लभ जीव जंतु पाए जाते हैं यहां के डिसवानी नाम के गांव में  gudaaru देवता का मन्दिर है ओर  मसली गांव में पांडव मंदिर है।

3:- जिगाह की नाली यह सबसे बड़ा क्षेत्र है इसके गांव दूर दूर तक फैले हुए हैं यहां पर ज्यादा सेब का उत्पादन किया जाता है इस क्षेत्र में आंध्रा प्रोजेक्ट का निर्माण हुआ है यह वादी पंचनागो के नाम से भी जानी जाती है यह पंचनाग गोस्कचार , विरिड , thainaag , खनियारा और सुन्नी है इनकी सोने की मानव आकार वाली मूर्तियां बनी हुई है इन्हे झांगरु देवता भी कहा जाता है

4:- स्पैल की नाली  इस वादी का प्रवेश द्वार कांसा कोटी है यह वादी भी बहुत ही उपजाऊ है लाल चावल यहां की प्रसिद्ध फसल है ओर सेब के बगीचे ज्यादातर यहां आपको दिखेंगे यह इलाका सॉमो स्पैल के नाम से भी जाना जाता है  bakralu ओर aktanga यहां के गांव के देवता है प्रसिद्ध भुंडा यज्ञ के जियालि भी यहां के दल गामव में पीढियों से रह रहा है 

5:- नावर की नाली  pabbar नदी ओर सिकड़ी नदी के संगम स्थल के दाहिनी ओर का हिसा naavar के नाम से जाना जाता है यह इलाका सबसे ज्यादा विकसित इलाका है यह इलाका पश्चिम की ओर कोटखाई ओर उत्तर की ओर कोटगढ से लगा हुआ कोटगढ का क्षेत्र अंग्रेजो के समय से ही सेबों के लिए प्रसिद्ध है


Pabbar घाटी में बहुत सारे मन्दिर है यहां का प्रमुख देवता हनोल के महासू है जिनके अन्य 50 मन्दिर भी हैं यहां के लगभग मन्दिर लकड़ी के बने है इस घाटी के प्रमुख स्थल rohru , रनसार , जुब्बल तहसील के हाट कोटी , सरस्वती नगर प्रसिद्ध है।

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